“delhi me ghumney ki jaghye: A Guide to Exploring Delhi” दिल्ली में घूमने की बेहतरीन जगहें|

surendra

delhi me ghumney ki jaghye

delhi me ghumney ki jaghye में यह भारत की राजधानी के साथ ही साथ अपनी पुराने इतिहास को अपने में समेटे हुए है|
दिल्ली का इतिहास महाभारत कालीन है , जिसे खांडवप्रस्थ कहा जाता था, यही पर पांडवो ने इंद्रप्रस्थ शहर बसाया था| भगवान् कृष्णा ने नेहरू प्लेस के पास स्तिथ कालका मंदिर में पूजा आराधना किये थे|

बहुत से राजवंशो का इस दिल्ली शहर में शाशन किये है| चौहान, मुग़लो के द्वारा ऐतिहासिक इमारतों का खजाना आज भी सम्रध्शाली इतिहास की झलकियां मिल जायँगी. 1911 में अंग्रेजो द्वारा दिल्ली दरबार करके बंगाल से दिल्ली राजधनी परिवर्तित करके आज भी दिल्ली को राजधानी के रूप में जाना जाता है |

दिल्ली समस्त भारत से लोग रोजगार ,नौकरी की तलाश में आते है , जहा दिल्ली में मिश्रित संस्कृति की अनुपम छठा को महसूस कर सकते है|
ऐसे बहुत सी जानकारी delhi me ghumney ki jaghye के बारे में मेरी द्वारा दी जा रही है, जिसमे विष्टता दिल्ली में घूमने के जगहो के बारे में बताया जा रहा है प्रमुख शहरो से दिल्ली कैसे आये ? दिल्ली का मौषम घूमने के लिए कब अनुकूल है ? और भी बहुत खुछ||

दिल्ली में घूमने की जघये:(delhi me ghumney ki jaghye)

दिल्ली राजधानी के साथ ही साथ हमेशा ही न्यूज़ में बनी रहती है ,और प्रशानिक कार्यो की वजह से लोग देश भर से दिल्ली आते है खुछ प्रमुख स्तथंव को विजिट करते है

1-लाल किला(red fort):

delhi me ghumney ki jaghye में लाल किला पर्यटकों के मध्य देखने का अलग ही रोमांच रहता है इसी लाल किले से मुगलो ने देश में शाशन किया जिसमे आखरी शाशक दिल्ली मुग़ल सल्तनत का “बहादुर शाह ज़फर” का शाशन के बाद दिल्ली पर कब्जा अंग्रेजो का हो गया उन्हे काला पानी की सजा दी गयी थी.|

यह ईमारत लाल बलुए पत्थर से निर्मित अपनी कारीगरी और इसकी भव्यता को पर्यटक अपने मोबाइल में सेल्फी के बिना नहीं रह सकते यहाँ का हठी दरवाजा, मीणा बाजार 1857 के युध्य में प्रयोग की गए सामग्री का पूरा संग्रहालय देखा जा सकता है| मयूर तख़्त सिंघसन को भी देखा जा सकता है और उनका निजी आवास , मोती महल , और जब यह किला बना था तब यह यमुना नदी के किनारे अवस्थित था अब यहाँ से 1 KM की दूरी से बहती है|इसी किले के प्राचीर से 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री भाषण देते है|

credit-pexels
  • किसने बनाया था: -साहजहां ने 1648 में बनवाया था
  • किला खुलने का समय-हफ्ते में सोमवार को बंद रहता है और सुबह 9 से शाम को 6 बजे तक खुला रहता है
  • एंट्री चार्ज–15 साल तक की कोई टिकट नहीं है उसके बाद भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रुपए और विदेशी सैलानियों के लिए 250 लिया जाता है यही बगल में क्लॉक रूम भी है जो 10 रुपए देकर अपना सामान रख सकते है
  • कैसे पहूँचे-सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक है , और एयरपोर्ट से इसकी दूरी २० km है|

2-अक्षरधाम मंदिर:

credit=wikimedia commons

delhi me ghumney ki jaghye अक्षरधाम मंदिर को भी पर्यटक और दर्शनाभिलाषी के बीच अलग स्थान है|भगवान् स्वामी नारयण को समर्पित मंदिर है| यह भारत के सबसे बड़े मंदिरो में इस मंदिर का स्थान है| इस मंदिर की भवयता देखते ही बनटीे है |जब भी यहाँ जाये थोड़ा समय लेकर जाये यहाँ पर अपने सामान को जमा करने के लिए एक फॉर्म भरना पड़ता है| और सम्मान रखने के सेवा प्यूरी तरह निशुल्क है इसलिए पेश, बेल्ट, लेदर का सामान जमा करना पड़ता है अंदर फवारा , गैलेरी , नाईट शो भी देखा जा सकता है |और यहाँ पर बनी कैंटीन का भी आप लुफ्त उठा सकते है और आर्ट गैलेरी को भी देख सकते है|

  • किसने बनाया था: – BAPS SANSTHAN ने 2005 को बनकर इसे दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया था
  • खुलने का समय-हफ्ते में सोमवार को बंद रहता है और सुबह 9:30 से शाम को 6:30 बजे तक खुला रहता है
  • एंट्री चार्ज–पूरी तरह से निशुल्क
  • कैसे पहूँचे-सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन अक्षरधाम मंदिर है , और एयरपोर्ट से इसकी दूरी 22 KM है|

3-कमल मंदिर (LOTOUS TEMPLE)

delhi me ghumney ki jaghye कमल मंदिर को भी पर्यटक और दर्शनाभिलाषी के बीच अलग स्थान है|यह बहाई सम्प्रदाय का एक उपशना स्थल है| यह कमल की पंखुड़ियां के तरह बांया गया है जिसमे २७ पंखुडिया और 9 दरवाजे है, यह 9 नम्बर को अलग ही महत्व दिया गया है जाइशी 9 दरवाजे , इसके चारो तरफ 9 पानी के जलाशय | यहाँ पर किसी भी मूर्ती को स्तःपित नहीं किया गया है यहाँ पर 2400 लोगो के बैठने की भी जगह है जहा प्यूरी तरह से शांत वातावरण होता है यह सभी धर्म को मानने वाले लोग देखने आते है|

  • किसने बनाया था: – फरीबोर्ज सहाबा ने 1986 में बनवाया था|
  • खुलने का समय-हफ्ते में सोमवार को बंद रहता है और सुबह 9:30 से शाम को सूरज डूबने तक तक खुला रहता है
  • एंट्री चार्ज–पूरी तरह से निशुल्क
  • कैसे पहूँचे-सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन कालका जी है , और एयरपोर्ट से इसकी दूरी 16 KM है|

4-राष्ट्रपति भवन

यह भारत के राष्ट्रपति का निवास स्थल है जिसमे 4मंजिला और 340 कमरे है इसे ब्रिटिश काल के दौरान गवर्नर के रहने के लिए बनाया गया था| जो अब राष्ट्रपति निवास के तौर पर जाना जाता है इसका गुम्बंद ब्रिटिश भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत मिश्रण है| यहाँ पर मुग़ल गार्डन जिसे फरबरी ,मार्च में पर्यटकों के लिए खोला जाता है |जो मुखता ट्विलिप के फूलो के लिए प्रशिद्य है राष्ट्रपति भवन को भी पर्यटक साल भर विजिट कर सकते है लकिन यहाँ की एंट्री ऑनलाइन के माध्यम से पैर पर्सन 50 रुपए देकर आप बुक कर सकते है जिसकी लिंक यहाँ दी जा रही है|

  • किसने बनाया था: – सर एडविन लुटियंस ने 1912 में बनवाया था
  • खुलने का समय-हफ्ते में सोमवार को बंद रहता है और सुबह 9:30 से शाम को सूरज डूबने तक तक खुला रहता है प्री बुकिंग
  • एंट्री चार्ज–पैर पर्सन 50 रुपए चार्ज लगता है पहचान पत्र जरूर अपने साथ रखे
  • कैसे पहूँचे-सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय है , और एयरपोर्ट से इसकी दूरी 12 KM है|


राष्ट्रपति भवन एंट्री बुकिंग

5-क़ुतुब मीनार(kutub meenar)

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delhi me ghumney ki jaghye क़ुतुब मीनार बच्चो के बीच काफी लोकप्रिय जगहों में से एक है|क़ुतुब मीनार, 72 मीटर का एक 5 मंजिला मीनार है जिसे अंदर से बंद कर दिया गया , इसकी परिसर में विष्णु स्तम्भ भी है जिसमे कभी जंग नहीं लगती है आलयी दरवाजा , 1 मंजिला अधूरा मीनार को भी देख सकते है यहाँ की हरियाली और पार्क है जहा लोग बैठना पसंद करते है|

  • किसने बनाया था: – कुतुब-उद-दीन ऐबक ने 1193 में बनवाया था
  • खुलने का समय-हफ्ते में सोमवार को बंद रहता है और सुबह 7 से शाम को सूरज डूबने तक तक खुला रहता है |
  • एंट्री चार्ज–15 साल तक की कोई टिकट नहीं है उसके बाद भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रुपए और विदेशी सैलानियों के लिए 250 लिया जाता है
  • कैसे पहूँचे-सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन साकेत ,क़ुतुब मीनार . लकिन आप यदि मेट्रो से आ रहे है तो साकेत उतारकर वह से ऑटो के माध्यम से आ सकते है , और एयरपोर्ट से इसकी दूरी 14 KM है|

6-हुमायूँ का मकबरा(Humayun’s Tomb)

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delhi me ghumney ki jaghye हुमायूँ का मकबरो को देश विदेश से पर्यटक देखने आते है||यह मकबरा एक ऊंचे चबूतरे पर अवस्थित है यहाँ पर और भी परिवार के सदस्यों की कब्रे है यह ईमारत डबल डोम स्ट्रक्टर की भारत में पहली इमारत है जो लाल बलुवे और संगमरमर पथरो की अद्भुत कारीगरी को देख सकते है |पर्यटकों के लिए एक पिकनिक स्पॉट है जिसे लोग खूब एन्जॉय करते है ,|

  • किसने बनाया था: – हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो बेगम ने 1560 में बनवाया था|
  • खुलने का समय– सुबह 6 से शाम को सूरज डूबने तक तक खुला रहता है |
  • एंट्री चार्ज–भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रुपए और विदेशी सैलानियों के लिए 250 लिया जाता है|
  • कैसे पहूँचे-सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन जोर बाग, और एयरपोर्ट से इसकी दूरी 12 KM है|

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दिल्ली आने का सबसे सही समय:

delhi me ghumney ki jaghye तो वर्ष भर पर्यटकों से भरी रहती है मई जून में यहाँ का तापमान ज्यादा होने से , और स्थल की भव्यता ,और इनका फैलाव आपके मजा को ख़राब कर सकता है |

यह दिल्ली पुरे भारत का एक छोटा रूप मिल जायेगा देखने में , दिल्ली दिल वालो की नगरी में पर्यटक खूब पसंद करते है , delhi me ghumney ki jaghye मेरे द्वारा खुछ ही जगहों को बतया जा रहा है| आप और भी अधिक जानकारी के लिए कांटेक्ट कर सकते है |और यदि कोई सुझाव देना चाहते है तो आप का स्वागत रहेगा|

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