यहाँ का दृश्य पहाड़ और सागर का मिलते देखकर आपको मंत्रमुग्ध कर देगा|
यहाँ के साफ़ सुथरे बीच पर्यटकों की निघाहो से अभी बचा हुआ है यदि आपको एकदम शांत बीच जहा समुन्दर की आती लहरों की स्पस्ट ध्वनी कानो में पड़ती है |
नेचर लेवर के लिए यह द्वीप यहाँ पर झीले , झीलों में विचरण करते हुए पक्षी और भी बहुत से वन्यजीवों का घर है|
यह द्वीप स्थानीय लोगो की मान्यता है इस बीच का जल पवित्र है जहा कई शारीरिक बीमारी का इलाज यहाँ के पानी मे डुबकी लगाने से मिलता है
शिवगिरि मठ केरल के महान समाज सुधारक महान श्री नारायण गुरु द्वारा स्तापित किया गया था जो एक पहाड़ी की छोटी पर है
यह मंदिर 2 हज़ार साल पुराना वैष्णव मत को मानने वालो का तीर्थस्थल है |
यह पापनासम तट के पास स्तिथ है जहा पर डुबकी लगाने मात्रा से समस्त पापो से मुक्ति मिल जाती है यह स्थान स्थानीय लोगो के अनुसार यहाँ का आयुर्वेद उपचार केंद्र एक अलग स्थान रखता है
यहाँ प्रत्येक शाम को कथकली नृत्य का आयोजन किया जाता जिसमे पर्यटक इस डांस को देखने के लिए अपनी उपस्थित दर्ज करवाते है|
इस कल्चर सेण्टर में केरल का मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू का भी आयोजन किया जाता है |