lotus temple DELHI , यह कमल की पंखुडिया के सदृश्य दूर से दिखलाई पड़ने वाली आकृति बहाई संप्रदाय का पूजा स्थल है
इसकी स्थापना ईरानी धर्मसंस्थापक बहाउल्लाह के द्वारा की गयी थी| lotus temple Delhi बिना धर्मकाण्ड और मूर्ती की अनुपस्थित बहरत में लोगो के मन में कोतुहल पैदा करता है|यहाँ की लायब्रेरी में विभिन्य मत सम्प्रदायो की पवित्र पुस्तके रखी है जिन्हे आप जाकर पड़ सकते है|
lotus temple Delhi आर्टिकल के माध्यम से में यह बताने का प्रयाश करूँगा की इस मंदिर की विशेषता , और यह क्यों खाश है |
“Remembrance of God is like the rain and dew, which bestow freshness and grace on flowers and hyacinths, revive them and cause them to acquire fragrance, redolence and renewed charm.”
-Bahá’í Writings
लोटस टेम्पल की खुछ विशेष बातें:(lotus temple delhi)
- भारत में कमल की आकृति हिन्दू और बौध्य धर्म में काफी पवित्र मन जाता है |और इसका अर्थ होता है शांति का प्रतीक कीचड में खिलने के बाद भी इसकी पवित्रता बनी रहती है|
- lotus temple Delhi का उद्घाटन 1986 में किया गया था |और नववर्ष 1987 की 1 जनवरी से श्रद्धालु और पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था|
- lotus temple Delhi मंदिर के वास्तुकार फर्जीबरज सहाबा थे | हर देश में मंदिर स्थापत्य की बुनयादी रुपरेखा उस देश की संस्कृति को ध्यान में रखकर डीजाइन किया गया है|
- यहाँ जाना पूरी तरह से निशुल्क है|
- बहाई मत को मानने वालो में 9 नंबर को पवित्र मन जाता है इसके जितने भी गुड्नफल करने पर हर का योग 9 ही आता है| जिससे यह सिध्य होता होता है की “अनेकता में एकता ” का सन्देश लोगो के बीच आसानी से दिया जा सके|
- बहाई मत को मानने वालो में 9 नंबर को पवित्र मन जाता है इसके जितने भी गुड्नफल करने पर हर का योग 9 ही आता है| जिससे यह सिध्य होता होता है की “अनेकता में एकता ” का सन्देश लोगो के बीच आसानी से दिया जा सके|
- lotus temple Delhi में मंदिर के चारो तरफ 9 बड़े जलाशय से घिरा हुआ है| 9 कोने और 9 ही दरवाजे है इन जलाशयों की वजह से मंदिर का तापमान ठंडा रहता है|
- lotus temple Delhi को कई अंतरष्ट्रीय पुरष्कार जिसमे ग्लोबल आर्ट ,इंस्टीट्यूशन ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राप्त कर चूका है|
- इन मत को मानाने वालो के अनुसार “ईश्वर एक है “, यहाँ पर किसी भी प्रकार के वाद्ययन्त्र को वजाने की अनुमति नहीं है|
- lotus temple Delhi में प्रवेश की उपरांत आपको बोलने की भी अनुमति नहीं होती शांति से बैठने की सलाह दी जाती है , फ़ोन allow नहीं है|
- lotus temple Delhi परिषर में एक साथ 2400 लोगो की बैठने की व्यवस्था है यह हाल 40 फ़ीट का है|
- यह 27 संगमरमर से सजी पंखुडिया जो आधे खिले हुए कमल की भाँती प्रतीत होती है जिसमे तकरीबन 1000000 मार्बल का इस्तेमाल किया गया है|
- lotus temple Delhi पर्यटकों और श्रद्धालु की लिए सुबह 9:30 से खुलकर सूरज डूबने तक खुला रहता है|
- यहाँ जाना पूरी तरह से निशुल्क है|
- यहाँ पहुंचने की लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन कालका जी मेट्रो स्टेशन है|
- दिल्ली की भागमभाग भरी दुनिया से खुछ पल यदि आप अपने साथ बिताना चाहते है तो यहाँ जरूर आये |
- यहाँ की खूबसूरत पार्क ,और यहाँ पर पसरी शांति आपको मंत्र मुग्धा कर देगी जहा आपको बार बार मन करेगा आने को ज्यादा जानकारी की लिए आप इनकी वेबसाइट विजिट कर सकते है|
और भी देखे—link
lotus temple Delhi की माध्यम से इस मंदिर की विसेसता को बताया गया है|
आप अपने कमेंट और सुझाव मुझे मुझे ईमेल करके दे सकते है यदि मेरे द्वारा दी गए जानकारी आपको पसंद आती है तो आप अपने दोस्तों की बीच भी शेर करे |
where is lotus temple situated in delhi
Bahapur, Kalkaji, New Delhi,
lotus temple in delhi is related to which religion
बहाई संप्रदाय का पूजा स्थल है
lotus temple delhi which god
not believe god. but they read every religion text.