khajuraho mandir मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में अवस्थित है, यह चंदेल वंशीय शासको की राजधानी की इस प्राचीन काल में जजाक मुक्ति के नाम से जाना जाता था| यह हिंदू और जैन मंदिरों का विशाल मंदिर समूह है |19वीं सदी के अंत के में इस शहर को पुनः खोजा गया था| 1986 में यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी khajuraho mandir शामिल है |
khajuraho mandir वैश्विक विरासत स्थल यूनेस्को की सूची में दर्ज है |जिसे चंदेल वंशीय शासको ने 8-10 सेंचुरी के आसपास यहां पर शासन करते थे | खजुराहो में लगभग 85 मंदिर समूह के प्रमाण मिलते हैं| 400 से 500 वर्ष के अंधकार समय गुजर जाने के बाद इस प्राचीन शहर को B.S.bert ने 19 सेंचुरी के अंत में खोज निकाला|
मेरे द्वारा इस आर्टिकल में khajuraho mandir के बारे में खजुराहो कैसे पहुंचे, खजुराहो आने का सही समय क्या है? और भी ऐसी जानकारियां इस आर्टिकल में मेरे द्वारा दी जाएंगे|
खजुराहो का मौसम:
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गर्मी का रिकॉर्ड खजुराहो में भी दर्ज किया जा चुका है|
2018 में 38 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए यहां का तापमान 49 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा चुका है |
ठंड में भी तापमान 2 से 4 डिग्री तक होता है|
khajuraho mandir को देखने के लिए कैसे पहूँचे ?:
खजुराहो सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन और वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है|
by bus:
खजुराहो शहर बड़े शहरों से, बसों के माध्यम से नहीं जुड़ा है ज्यादातर पर्यटक ट्रेन और वायु मार्ग के माध्यम से ही (khajuraho mandir ) खजुराहो के मंदिरों को विजिट करते हैं| यदि आप बस यात्रा कर रहे हैं भोपाल और इंदौर से चलने वाली चार्टर्ड बस से खजुराहो से पास बमीठा पर उतरकर आगे की यात्रा कर सकते हैं यहां से खजुराहो 8 किलोमीटर की दूरी पर है जहां पर ऑटो के माध्यम से पहुंच जाता है|
by train:
khajuraho mandir 2008 से रेलवे स्टेशंस बनने के बाद यह प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है ज्यादातर पर्यटक दिल्ली से विजिट करते हैं | दिल्ली की ओर जाने वाली यूपी संपर्क क्रांति और वंदे भारत एक्सप्रेस भी यहां से चलती है ,उदयपुर, भोपाल, ग्वालियर सभी प्रमुख शहर खजुराहो से जुड़े हुए हैं|
train list khajuraho railway station :
1-Hazrat Nizamuddin -Khajuraho Vande Bharat express 2-up sampark kranti express 3-Mahamana superfast express 4-khajuraho -udaipur city express 5-Bundelkhand express 6-Prayagraj express |
by plane:
खजुराहो एयरपोर्ट डोमेस्टिक एयरपोर्ट है ,जहां से घरेलू घरेलू उड़ने संचालित होती है| इसे 1978 में एयरपोर्ट को ओपन किया गया था |जिससे सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा 2013 में फूली रूप से फंग्शनली ऑपरेटेड है| यह खजुराहो से 3 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है |और छतरपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर है| यहां से इंडिगो और स्पाइसजेट की फ्लाइट संचालित होती है|
प्रसिद्ध शहरों से खजुराहो की दूरी:
khajuraho to bageshwar distance | 18km |
khajuraho to bhopal distance | 372 km |
khajuraho to kanpur distance | 216 km |
khajuraho to jhansi distance | 173 km |
खजुराहो के प्रसिद्ध स्थल:
12th सदी तक यहां 85 मंदिरों के होने के प्रमाण मिलते हैं | लेकिन अब 25 मंदिर ही देखे जा सकते हैं| khajuraho mandir समूह में विभाजित किया गया है |khajuraho mandir में मुख्यतः हिंदू मंदिर और जैन मंदिर है|
- पश्चिमी समूह मंदिर
- पूर्वी समूह मंदिर
- दक्षिणी समूह मंदिर
और भी देखे- link
खजुराहो के पश्चिमी समूह मंदिर:
khajuraho mandir में प्रवेश के लिए पर पर्सन 35 वह विदेशी युवतियों के लिए पर पर्सन 600 निर्धारित किया गया है यह टिकट पश्चिमी शिव मंदिर के लिए| आप जब भी खजुराहो घूमने जाए तो आप अपनी टिकट ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं |अपने मोबाइल द्वारा ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं |
कंदरिया महादेव मंदिर:
कंदरिया महादेव मंदिर यह मंदिर पश्चिमी समूह में सबसे विशाल है यह भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर का निर्माण विद्यासागर के द्वारा किया गया था | यह मंदिर खजुराहो के सभी मंदिरों में से सबसे ऊंचा मंदिर है| इस मंदिर में दीवारों में उकेरी गई आकृति ,मनुष्य की भाव भंगिमा, हाथी, घोड़े वह शिकार करते हुए आकृतियों को हम देख सकते हैं|
लक्ष्मण मंदिर:
यह मंदिर पंचायतन शैली में निर्मित मंदिर है जिसका निर्माण चंदेल शासक द्वारा करवाया गया था |यहां पर भगवान विष्णु की बैकुंठ रूपी प्रतिमा स्थापित की गई है| इस मंदिर में संभोग करते हुए आकृतियों को देखा जा सकता है|
chitragupta mandir:
यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है |भगवान् सूर्य अपने रथ में 7 सफ़ेद घोड़ो के साथ सवार प्रतिमा को देख सकते है |यहां पर भगवान विष्णु की 11 मस्तक वाली प्रतिमा को देखा जा सकता है| इसके दीवारों में सम्भोग करती हुई आकृतियों को देख सकते है|
vishnaath mandir:
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है |पंचायतन शैली मैं निर्मित चबूतरे पर अवस्थित है यक्ष गंधर्व की आकृतिया को उकेरा गया है|
खजुराहो आने का सही समय कब है?
खजुराहो पर्यटक शाल भर आते रहते है ,वैश्विक विरासत घोसित होने से देश विदेश के पर्यटकों का ताँता लगा रहता है |पर्यटकों का ज्यादा आवक अक्टूबर से मार्च तक ज्यादा संख्या में लोग आते है |
खजुराहो नृत्य महोत्सव हर साल आयोजित होता है, जिसमे भारतीय शास्त्री नृत्य की प्रस्तुति अपने आप में पर्यटकों के मध्य अलग ही रोमांच पैदा करता है |
बाबा भागेश्वर की धूम भारत में ही नहीं देश विदेश में भी भक्त दर्शन के लिए आते है जो खजुराहो से मात्र 18 KM की दूरी पर अवस्थित है|