JAIPUR ME GHUMNEY KI JAGAH : इस आर्टिकल में जयपुर में पर्यटकों के बीच टॉप 9 स्थान जो काफी लोकप्रिय है आप जब भी जयपुर घूमने आये तो इन जगह को जरूर देखे इसमें मेरी द्वारा उस स्थान का संछिप्त इतिहास , कैसे जाये , शहर से दूरी , उस स्थान की रोचक बातें , प्रमुख शहरो से दूरी और वहां का मौषम और भी बहुत रोचक जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से देने का प्रयाश रहेगा जिससे आपकी यात्रा यादगार रहे|
जयपुर शहर का इतिहास:
- जयपुर को पिंक सिटी या गुलाबी नगरी कहा जाता है| इसे| राजस्थान के राजधानी का दर्जा प्राप्त है|
- स्टानली रिड( ब्रिटिश पार्लियामेंट) ने जयपुर को पहली बार पिंक सिटी, यहाँ पर इस्तेमाल होने वाले गुलाबी धौलपुरी पत्थरो का इस्तेमाल भवन निर्मांण में होने से कहा था|
- जुलाई 2019 में UNESCO द्वारा जयपुर शहर को पिंक सिटी का दर्जा प्राप्त है|
- जयपुर शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्याचार थे|
- महाराजा जयसिंह के नाम से उस शहर का नाम जयपुर पड़ा|
- इसे भारत का पेरिस का दर्जा प्राप्त है|
- जयपुर तीन तरफ से अरावली पर्वत से घिरा है|
जयपुर का मौषम:(JAIPUR WEATHER):
जयपुर का मौषम ठण्ड में पर्यटकों के अनुकूल रहता है गर्मी में यहाँ का तापमान ४० डिग्री के उप्पर चला जाता है, बरसात की भी उपलभ्धता अच्छी नहीं है | जब भी पर्यटक जयपुर को अपनी लिस्ट में रखे वे weather in jaipur 10 days को जरूर चेक करे|
jaipur WEATHERविभिन्य शहरो से जयपुर की दूरी:
जयपुर प्रमुख शहरो से सड़क मार्ग ,वायु मार्ग और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है|प्रमुख्य शहरो से दूरी:
क्रमांक | दूरी | km |
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1 | delhi to jaipur distance | 314 km |
2 | Jaipur to Jodhpur distance | 334 km |
3 | Jaipur to Ajmer distance | 133 km |
4 | Kota to Jaipur distance | 252 km |
5 | Jaipur to udaypur distance | 398 km |
6 | Jaipur to Khatushyam distance | 90 km |
जयपुर में घूमने की जघये:(jaipur me ghumney ki jagah)
1-अम्बेर फोर्ट(AMBER FORT):
आमेर फोर्ट शहर के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में अरावली पहाड़ी पर स्तिथ है| शहर( हवा महल) से इसकी दूरी 7 km है| हवा महल से ही यहाँ जाने के लिए taxy/auto मिलती है| आमेर रोड पर स्तिथ है| jaipur me ghumney ki jagah में आमेर फोर्ट पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है| कुछ रोचक बाते–
- सं 1592 ई. में राजा मान सिंह द्वारा बनवाया गया था|
- इस इमारत में लाल बलुवा पत्थर , संगमरमर , और नक्काशी को देख सकते है |
- इसकी सुरक्षा के लिए इस किले के चारो तरफ से ऊँची -ऊँची दीवारे खड़ी की गयी थी|
- पर्यटक का मुख्य आकर्षण सूर्योदय और सूर्यास्त को देखना और पास में स्तिथ माओश झील को निहारना||
- पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण हाथी की सवारी है ,जिसकी बुकिंग 9 am तो 11:30 am तक होती है इसका चार्ज 1000/ रुपए है|
- प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए 25 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रुपए है |
- इस किले में फिल्मो की शूटिंग जिनमे बाजिराव् मस्तानी , यह जवानी है दीवानी , भूल भुलइया ,वीर ज़ारा, खूबसूरत, ज़ुबैदा आदि है|
2-हवा महल(hawa mahal):
कछवाहा शासक महाराजा सवई प्रताप सिंह के द्वारा सिटी पैलेस के विस्तार के लिए बनाया गया था सन 1799 ई यह 5 मंजिला ईमारत बिना नीव के 87 डिग्री के कोन पर निर्मित है 5 मंजिल को हवा मंदिर कहा जाता था जिसका अपभ्रंश होते होते पूरे परिषर को आज हवा महल कहा जाता है| jaipur me ghumney ki jagah में हवा महल का अपना विशिष्ट योगदान है|
- इसमें 953 खिड़किया है जिन्हे झरोखा कहा जाता है|
- दूर से देखने पर मधुमख़ी के छत्ते की तरह दिखलाई पड़ती है|
- गुलाबी बलुवा पत्थर से निर्मित जटिल नक्काशी को देखा जा सकता है|
- बेंचरी प्रभाव के कारन इस पूरी बिल्डिंग पर ठंडी हवा का बहाव निरंतर जारी रहता है|
- यहाँ पर सीडियाँ न होकर एक मंजिल से दूसरे मंजिल में जाने के लिए रैंप का इस्तेमाल होता था|
- यहाँ पर स्तिथ पुरातत्व संग्रहालय को भी देख सकते है|
- इसके खुलने का समय 9 am to 4:30 pm होता है | जिसमे प्रवेश शुल्क भारतीय पर्यटकों के लिए 50 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रुपए है|
- इस परिसर के पास स्तिथ बाजारों में प्रमुख है |जोहरी बाजार , बापू बाजार (राजस्थानी जूती )और त्रिपोलिया बाजार(बर्तन) प्रसिध्य है|
- शुक्रवार और शनिवार को यह परिषर पर्यटकों के लिए बंद रहता है|
3-जंतर मंतर(jantar mantar):
हिन्दू मुश्लिमों खगोलविदों के बीच छिड़ी बहस को शांत करने के लिए राजा जय सिंह ने 1734 में जंतर मंतर का निर्माड करवाया और देश के अलग-अलग 5 जगहों में भी इसका निर्माड करवाया| जिसमे दिल्ली वाराणसी उज्जैन मथुरा जयपुर में प्रमुख थे| jaipur me ghumney ki jagah जंतर मंतर का भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है|
- हवा महल से इसकी दूरी 700 M है|
- यहाँ पर 19 खगोलीय उपकरण रखे है| जिसमे पर्यटकों के बीच पत्थर की सबसे बड़ी घड़ी है|
- 2010 में UNESCO विश्व विरासत सूची में शामिल है|
- यहाँ पर रखे उपकरनो की मदद से खगोलीय गडनायो को नग्न आँखों से देख सकते है|
- इसके खुलने का समय 9 am to 5 pm होता है | जिसमे प्रवेश शुल्क भारतीय पर्यटकों के लिए 50 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रुपए है|
4-नाहरगढ़ फोर्ट (nahargarh fort):
jaipur me ghumney ki jagah में नाहरगढ़ का किला अपनी रचनात्मक कला की दृष्टि से पर्यटकों के मध्य अपनी अलग पहचान है| नाहरगढ़ को पहले सुदर्शनगढ़ के नाम से जाना जाता था 1734 में राजा जय सिंह ने शहर की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनवाया गया था |यह किला आक्रमाडो से पूरी तरह सुरक्षित था|यह इमारत इंडो यूरोपियन आर्किटेक का दो मंजिला इमारत है |जो चारो तरफ सुरक्षा घेरे से घिरा हुआ है| इसमें राजा और उसकी पटरानियां का निवास स्थान था|
यहाँ पर स्तिथ नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क भी पर्यटकों के बीच एक आकर्षण का केंद्र है| जिसमे बंगाल टाइगर एशियाटिक लायन , पैंथर हिरन भालू भी देख सकते है |पक्षियों की लगभग 300 प्रजातियां पायी जाती है| यहाँ का माधवेन्द्र पैलेश विशेष आकर्षण केंद्र है जिसे विभिन्य मुर्तिया से सजाया गया है| यहाँ से पुरे शहर को नज़ारा देख सकते है|
और भी जाने :लिंक
6- जयगढ़ फोर्ट(jaigarh fort):
यह अरावली पर्वतमाला पर चील की पहाड़ी पर स्तिथ टीला है| जो आमेर के किला की सुरक्षा की दृस्टि से 1667 ई में राजा जय सिंह ने बनवाया था |यह किला विशाल दीवारों से घिरा और 3 km के दायरे को अपने समेटे हुए है यहाँ पर दुनिया की सबसे बड़ी पहिये वाली तोप जिसका इस्तेमाल कभी नहीं हुआ |मुग़ल काल में इसे “विजय काल” के नाम से जाना जाता था| इसका इस्तेमाल युद्ध में काम आने वाली अस्त्र शस्त्र को रखने के काम आता है |1977 में खजाना ढूंढने के लिए इस किले में सर्च अभियान चलाया था|
जयगढ़ फोर्ट , हवा महल से दूरी 25 km है वाया आमेर रोड पर स्तिथ है | जहा तक बस/ कैब से आशानी से पहूँचा जा सकता है|
7- सिटी पैलेस(city palace):
महाराजा सवाई सिंह ने 1732 में वास्तुकार विद्याधर भट्याचार्य के देखरेख में बनबाया था| इसे आज भी यह शाही परिवार का निवास स्थान है| इसके परिसर में मुबारक महल , श्री गोविन्द देव मंदिर , बग्गी खाना , सिलेह खाना , दीवाने ए खाश , सभा निवास , आदि को पर्यटक देखने आते है जिसे पूरा घूमने 2 घंटे तक का समय लगता है|इसके खुलने का समय सुबह 9:30 से शाम के 5 बजे और प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए 200 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपए है|
8-जल महल(jal mahal):
jaipur me ghumney ki jagah में पर्यटकों के बीच जल महल का काफी आकर्षण देखा गया है |यह ईमारत दूर से लहरों के उपर तैरती हुयी दिखाई पड़ती है| यह मान सागर झील में स्तिथ 5 मंजिला ईमारत है, जिसमे से 4 मंजिला ईमारत पानी के अंदर है |महाराज सवाई सिंह प्रताप सिंह ने 1799 ई में इसका निर्माड शिकार लांन्ज के रूप में किया गया था | पर्यटकों के लिए इसका एक्सेस नहीं है, नौका विहार करते हुए इसकी ख़ूबसूरती को निहार सकते है|
9-गेटोर की छतरियां(ghatorey ki chatriyan ):
यह सिंधी कैंप बस स्टैंड से 6 km की दूरी पर स्तिथ है ,कछवाहा राजवंश की सही शमशान भूमि है| इसे महाराजा जय सिंह द्वारा शमशान भूमि के रूप में चुना था| यहाँ पर जाने का प्रवेश शुल्क 30 रुपए है और समय सुबह के 9:30 से शाम के 5 बजे तक रहता है|
जयपुर कैसे पहूँचे?
by bus:
जयपुर शहर राजधानी दिल्ली से ४ घंटे की दूरी पर स्तिथ है और दिल्ली से बस और कैब से जयपुर आ सकते है|
by train :
सभी प्रमुख ट्रैन जयपुर रुकती है जिससे जब भी आप जयपुर घूमने का प्लान बनाये तब आप सीधी जयपुर आने वाली ट्रैन की जानकारी IRCTC से ले सकते है
by flight:
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश और विदेश के सभी मुख्या जगहों से जुड़ा है जयपुर घूमने के लिए वायु सेवा भी विकल्प हो सकता है|
अत: जयपुर आप किसी भी माध्यम को चुन सकते है जयपुर पहूँच कर आप कैब के माध्यम से इसके प्रमुख सततं को विजिट कर सकते है कैब सम्भंदित अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक में जा सकते है
जयपुर में घूमने का सही समय कब होता है?
सैलानियों की भीड़ तो पूरे साल भर बनी रहती है लकिन ज्यादातर पर्यटक अक्टूबर से फरबरी तक समय काफी अनुकूल है इसलिए जब भी जयपुर का प्लान बनाये तो गर्मी का विकल्प न चुने |
FAQ
why jaipur is called pink city
स्टैनली रीड ने पहली बार जयपुर को पिंक सिटी यहाँ पर इस्तेमाल हनी वाले धौलपुरी पथरो के होने से कहा था और इन पथरो का रंग गुलाबी होता है
निष्कर्ष:
इस आर्टिकल के माध्यम से jaipur me ghumney ki jagah में टॉप 9 जगह को स्थान दिया हूँ जिससे जयपुर के गौरवशाली इतिहास को जान और समझ सके ||