History and main instruments of Jantar Mantar Jaipur IN 2024(जंतर मंतर जयपुर का इतिहास और प्रमुख्य यन्त्र)

surendra

Updated on:

Jantar Mantar Jaipur

jantar mantar jaipur राजस्थान में स्तिथ एक खगोलीय वेदशाला है | जिसे 18th शताब्दी में महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा बांया गया था | भारतवर्ष में कुल 5 जंतर मंतर वेधशालाएँ है जिनमे से जंतर मंतर जयपुर(Jantar mantar Jaipur) की वेद्यशाला आज भी अपनी भव्यता के लिए जानी जाती है |

जंतर मंतर को 2020 में UNESCO की विश्व विरासतास्थल में अपनी उपस्थती दर्ज करा चूका है|इस आर्टिकल में जंतर मंतर का इतिहास, महत्व , और भी बहुत कुछ जो नया है आप इस आर्टिकल को पड़ कर खगोलीय इतिहास को समझ सकते है|

जंतर मंतर जयपुर का इतिहास(History of Jantar Mantar Jaipur):

महराजा सवाई जय सिंह की खगोल विज्ञान के प्रति रुचि , जिसे प्रत्छ्य रूप से जंतर मंतर का निर्माण में देखा जा सकता है | जंतर मंतर जयपुर में कुल 19 उपकरण है , जिनके माध्यम से सूर्य की स्तिथ , भविष्यवाणी ,ग्रहों की स्थती , व तारो का विस्तृत अध्यन शामिल है | इसकी प्रेड्ना उलूग बेग वेदशाला समरकंद और यूरोप की वेदशाला का विस्तृत रुप है|

महाराजा द्वारा भारत के अलग अलग भाग में जंतर मंतर का निर्माण किया , जिश्मे से उज्जैन, मथुरा ,वारणशी ,दिल्ली में है|

READ MORE: Palolem Beach full Information In Hindi (2024):पालोलेम समुद्र तट की पूरी जानकारी हिंदी में

जंतर मंतर जयपुर प्रमुख यंत्र(Jantar Mantar Jaipur Major Instruments):

यहाँ की सरंचनाये मुख्य रूप से संगमरमर और स्थानीय पथरो से बनी हुयी है | यहाँ पर जितने भी उपकरण है उनका अपना विशिष्ठय स्थान है जिनमे से मुख्य है-

सम्राट यन्त्र :

सम्राट यन्त्र यह सबसे बड़ी सूर्य घडी है उचई 27 मीटर है , इस घड़ी की विसेसता समय की २ सेकंड तक की सटीकता के साथ देखा जा सकता है इसके माध्यम से जयपुर सिटी के सटीक समय की गड़ना कर सकते है|

Jantar Mantar Jaipur

जयप्रकाश यन्त्र:

इस यन्त्र का उपयोग खगोलीय पिंडो की स्तिथ का कोण व दिशा मापने के लिए किया जाता है | मुख्यतः यह बड़े सूर्य घड़ी के समान कार्य करता है|

Jantar Mantar Jaipur

राशिवलय यन्त्र:

इस यन्त्र कुल 12 सरनाचए होती है जिसका इस्तेमाल ग्रहों की स्तिथ का राशिचक्र में स्थान का पता चलता है जिसेषी ज्योतिषी में सहायक होता है|

जंतर मंतर जयपुर खुलने का समय:

जंतर मंतर जयपुर सुबह 9 बजे से शाम 4:30 तक खुलता है भारतीय पर्यटक और विदेशी पर्यटकों के टिकट चार्ज अलग -२ होता है|

यह स्थान खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालो के लिए किसी स्वर्ग की परिकल्पना से काम नहीं होगा | यह भारत के समृद्ध धरोहर के अमूल्य कृति है | इसकी यात्रा आपको आश्चर्या से भर देगी है|

ALLIMAGE CREDITS: Wikimedia Commons

Hello friends, my name is Surendra, I am the Writer and Founder of this blog and share all the information related to Travel through this website.

Leave a Comment