यह गुफा माणा गांव में सरस्वती नदी के किनारे स्तिथ है यह आख़री भारतीय गांव है महाभारत काव्य की रचना व्यास जी ने यही किया था|
वहा से सरस्वती नदी और अलकनंदा नंदा नदी का मिलन को देख सकते है और यही भारतीय सीमा की आखरी शॉप है
समुद्र तल से 3400 फ़ीट की उचाई पर अवस्तिथ एक चट्टान पर भगवान विष्णु जी के पाँव के निशान है |
यह विलेज तिब्बती चीनी बॉर्डर पर भारत का आखिरी गांव है यह सरस्वती नदी के तात पर स्तिथ मंगोलिया ट्राइब के द्वारा बसाया गया था|
इस मठ की स्थापना आदि शंकराचार्य ने किया था यहाँ के प्रमुख मंदिरो में से भविष्य बद्री मंदिर और नरसिंघ भगवान का मंदिर|
यह स्थान अलकनंदा नदी के तट पर स्तिथ , भक्त यहाँ पूर्वजो का पिंड दान की रश्म करने आते|
ऐसी मान्यता है की पांडवो के पिता राजा पाण्डु ने यही पर आकर भगवा शिव की पूजा की थी |
यह पांच प्रयाग में पहला प्रयाग है यहाँ मंदिर देवी अहिल्या बाई होल्कर ने बनवाया था|
ऐसी मान्यता है की जिनका मन साफ़ नहीं है उन लोगो के उपर पानी की एक बूँद भी न यही गिरेगी यह मन गांव से 5 KM की दूरी पर अवस्तिथ है